Mahadevi Verma: सन्यासिनी, हिंदी कवयित्री और स्वतंत्रता सेनानी की कहानी

LingoTango
Video Expert, Hindi/Regional Languages
Apr 25, 2023
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हिंदी कवयित्री महादेवी वर्मा (Mahadevi Verma) को छायावाद के चार स्तंभों में से एक ाना गया. आधुनिक हिंदी की मीरा के नाम से प्रसिद्ध महादेवी वर्मा एक कलमकार होने के साथ-साथ समाजसेवी और स्वतंत्रता सेनानी के रूप में भी पहचानी गईं. आजादी से पहले और बाद के हिंदुस्तान की गवाह बनने वाली महादेवी वर्मा का जीवन, उनकी कविताएं, समाज सुधार के कार्य और महिलाओं के लिए चेतना भाव आज भी हस्ताक्षर है. महादेवी वर्मा को हिंदी के कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने हिंदी के विशाल मंदिर की सरस्वती बताया था.महादेवी वर्मा का जन्म मार्च 1907 में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फर्रुखाबाद (Farrukhabad) में रंगों के पर्व होली (Holi- The Festival of Colours ) के दिन हुआ था, शायद यही वजह है कि उन्हें होली बहुत पसंद थी. परिवार में कई पीढ़ियों के बाद बेटी ने जन्म लिया था, इस वजह से उन्हें घर की देवी मानते हुए उनका नाम महादेवी रखा गया.
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